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कॉरोना वायरस ताज़ा ख़बर (Corona virus latest news)

Social Distancing: सोशल डिस्टेंसिंग पर पीएम मोदी ने दिया जोर, जानिए क्या है इसका फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात अपने भाषण में कहा  कि कॉरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेसिंग पर जोर दिया। इसके साथ उन्होंने देश भर में 21 दिन का लोकडन कि घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग यानी घरों में बंद रहना एवं एक-दूसरों से दूर रहना ही कॉरोना संक्रमण से बचने का एकमात्र तरीका है इसके अलवा संक्रमण से बचने का कोई और तरीका नहीं है। कोरोना को फैलने से रोकना है, तो इसके संक्रमण की सायकिल को तोड़ना ही होगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि social distancing केवल बीमार लोगों के लिए आवश्यक है। लेकिन ये सोचना सही नहीं। social distancing हर नागरिक के लिए है, हर सदस्य के लिए, हर परिवार के लिए है।
आइए जानते संक्रमरण रोकने कितनी मददगार है social distancing Social Distancing: सोशल डिस्टेंसिंग पर पीएम माेदी ने भी दिया जाेर, जानिए क्या इसका फायदा गौरतलब है कि पीएम मोदी से पहले आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रमन गंगाखेडकर ने भी social distancing पर जोर देते हुए कह चुके हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग से कोविड-19 केस में 62 फीसदी की कमी लाई जा सकती है।

Lockdown: के चलते घर पर हो रहा स्ट्रेस तो अपनाएं ये आसान, जानिए इसके बारे में

हम आपको कुछ ऐसे आसन बताएंगे जिनका नियमित अभ्यास करना चाहिए। यह आपकी मानसिक तनाव को दूर करेगा साथ ही शरीर को भी स्वस्थ और मजबूत रखेगा। गरुड़ासन इस आसन को रोकने के लिए आप सीधे खड़े हो जाएं। एक पैर को दूसरे पैर में फंसा ले और हाथों को भी एक दूसरे में फंसाते हुए नमस्ते की अवस्था में रखें । जब तक संभव हो इस अवस्था में रहे। नटराजासन इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अब एक पैर को पीछे की तरफ ले जाते हुए एक हाथ से टखने को पकड़ें और दूसरे हाथ को आगे की तरफ ले जाएं। आराम करें और फिर से बाएं पैर से आसन को दोहराएं। वीरभद्रासन इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अब एक पैर को पीछे करें और दूसरे के घुटने को आगे की तरफ हल्का झुकाएं। इसके बाद दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं और नमस्कार की अवस्था में रखें। इस पोजिशन में कम से कम 90 सेकंड तक रहें।
ब्रिज पोज
योग के इस आसन को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल पर लेट जाइए। इसके बाद धीरे-धीरे कमर को ऊपर उठांए। अब इस आसन में 2 से 3 मिनट तक रूकें।

Work from home से हो रही ये समस्याएं तो मत करिए नजरअंदाज, अपनाएं ये तरीके

नई दिल्ली: पहुंचेगा। इस वक्त कई लोगों ने वर्क फ्रॉम होम शुरू कर दिया है। अचानक बैठकर काम करना थोड़ा मुश्किल साबित हो रहा है। जैसे घर पर रहकर काम करने के कारण बहुत सारे लोग इन दिनों कमर और पीठ में दर्द आदि कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। आज आपको एेसी ही गंभीर समस्याओं से छुटकारा पाने के टिप्स देंगे।
एक की जगह पर बैठकर न करें काम
एक ही जगह पर घंटों बैठे रहकर काम करने से न सिर्फ कमर दर्द बल्कि और कई समस्याएं हो सकती हैं। बॉडी पेन के अलावा मोटापा, तनाव, ब्लड प्रेशर, स्पॉण्डिलाइटिस, आंखों की रोशनी कम होना, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, उंगलियों और कलाई में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
20 मिनट के बाद लें ब्रेक
सही तरीके से बैठने के साथ ही अपने कंधों और कलाइयों का भी ध्यान रखें। बीच-बीच में कंधों और कलाइयों को हिलाएं। सुर्कलर मोशन में घुमाएं और स्ट्रेच करें। हर 20 मिनट बाद ब्रेक लें जिससे पैरों की मांसपेशियां भी एक्टिव रहें।
हवा में पैर लटका कर न बैठें
बहुत देर तक पैरों को क्रॉस करके न बैठें। हवा में पैर लटका कर बैठने से कमर की हड्डी पर प्रेशर पड़ता है जिससे घुटने और पैरों में दर्द की सिकायत हो सकती हैं।

#Coronavirus update: सच निकली ये बात तो, भारत में जल्द कम हो जाएगा Covid-19 का ख़तरा

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में दावा किया है कि ज्यादा गर्म क्षेत्रों में कोरोनावायरस संक्रमण का फैलाव बहुत ही धीमी गति से होता है। उन्होंने शोध में यह भी कहा कि गर्म तापमान महामारी फैलने की गति को धीमी कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसका प्रकोप नहीं होगा। अप्रेल से जून तक बहुत गर्म रहता है भारत शोधकर्ताओं की बात अगर सच निकलती है तो जल्द ही देश को राहत की सांस मिलेगी। क्योंकि जल्द ही अप्रेल का महीना शुरू होने वाला है। भारतीय जलवायु के अनुसार यहां अप्रैल से जून तक गर्मी का मौसम होता है। जिसमें मई सबसे गर्म महीना होता है, और गर्मी माैसम में औसत तापमान 32 से 40 डिग्री सेल्सियस रहता है, कहीं-कहीं ये 50 डिग्री सेल्सियस के करीब भी पहुंच जाता है। गर्म क्षेत्राें कम रहा COVID-19 शोधकर्ताओं के अनुसार, वर्तमान में 18 डिग्री सेल्सियस से अधिक औसत तापमान में गर्मी का सामना कर रहे दक्षिणी गोलार्ध के देशों में भी कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज हुए है। लेकिन ये विश्वस्तर पर फैल रहे संक्रमण का 6 प्रतिशत से कम हिस्सा है।



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