Coronavirus for pets : एक्सपर्ट से जानिए पेट्स को कॉरोना का वैक्सीन कब लगाए, कैसे करे उनकी देखभाल
Coronavirus for pets |
इस वायरस के खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन कर दिया है। लोग अपने घरों में रहकर इस वायरस से बचाव कर रहे। कोरोना वायरस से उनको होने वाले खतरे आदि के बारे में जानना बहुत जरूरी है। वेटरनरी सर्जन डॉक्टर सुनील चावला बता रहे हैं पालतू जानवरों के लिए कुछ खास बातें । कोरोना वायरस से पालतू जानवरों को खतरा - अभी तक एेसे कोई साक्ष्य या मामले सामने नहीं आए हैं जिससे ये साबित हो कि कोरोना वायरस (कोविड-19) से पालतू जानवरों को संक्रमण का कोई खतरा हो। या फिर पालतू जानवरों से मनुष्य को कोरोना का कोई खतरा हो। कोरोना वायरस के टीके से बचाव - डॉक्टर सुनील के मुताबिक, जानवरों (डॉग) का कोरोना वायरस अलग तरह का होता है। पेट्स को इस वायरस से बचाने के लिए वैक्सीन (टीके) मौजूद हैं। पेट्स को ये वैक्सीन काफी पहले से लगाए जा रहे हैं। जैसे डॉग के छोटे बच्चे को ये वैक्सीन जन्म के छह वीक पर पहली डोज, नौ वीक पर दूसरी डोज और 12 वीक पर तीसरी डोज दी जाती है। एक साल के बाद फिर से वैक्सीन देने की जरूरत होती है। हर साल डॉग्स को ये वैक्सीन दी जानी चाहिए। इससे डॉग्स कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहते हैं। लॉकडाउन के समय इन बातों के रखें ध्यान -
ऐसे करें देखभाल
झड़ने वाले बालों को आप कंघी से निकाल सकते हैं, डॉग्स के लिए इस्तेमाल होने वाला कंघा या कोई नॉर्मल कंघा लेकर डॉग्स के बालों के निकाल दें इससे झड़े हुए बालों से घर में गंदगी नहीं होगी। खानपान का ध्यान - पेट्स की बालों की ग्रोथ अच्छी हो उनमें चमक आए इसके लिए उनकी डाइट मछली का तेल, कैल्शियम, एक्सट्रा प्रोटीन, मल्टी विटामिन शामिल करें। इससे उनकी ग्रोथ अच्छी होगी।
छिकना नहीं, ये है कॉरोना संक्रमण के असली लक्षण
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एक ही दिन में पार हुआ लक्ष्य एनएचएस ने कोरोना जनित स्वास्थ्य स्थितियों का संकट झेल रहे देश के 1.5 मिलियन लोगों, जिन्हें तीन माह के लिए सेल्फ-आइसोलेट रहने की सलाह दी गई है, कि मदद करने के लिए अच्छी सेहत वाले 18 साल से अधिक उम्र के युवा स्वयंसेवकों को जुड़ने की अपील की थी। और सकारात्मक बात ये है कि स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक के नई स्वयंसेवक योजना की घोषणा करने के ठीक एक दिन बाद एनएचएस ने अपने स्वयंसेवकों के लक्ष्य को पार कर लिया। लोगों में सेवा के इस रूझान को देखते हुए एनएचएस इंग्लैंड के चिकित्सा निदेशक स्टीफन पॉविस ने कहा कि यह परोपकारिता का सैलाब है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक सेल्फ-आइसोलेट लोगों से बात करने, खाना और दवा सप्लाई का काम कर सकते हैं। इसके अलावा वे ऐसे रोगियों के लिए परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए स्वेच्छा से भी काम कर सकते हैं जो डिस्चार्ज के लिए चिकित्सकीय रूप से फिट हैं और विभिन्न एनएचएस साइटों में उपकरण और दवा आपूर्ति में मदद कर सकते हैं। स्वयंसेवकों को 11, 000 पूर्व स्वास्थ्य चिकित्सकों और 24,000 मेडिकल स्कूल के अंतिम वर्ष के छात्रों द्वारा शामिल किया जाएगा।
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खास टिप्स -
खूब पानी पिएं। अच्छी नींद लें। ईश्वर का ध्यान करें । नकारात्मक चीजों से बचें । खुद को सक्रिय रखें । अच्छा और पौष्टिक खाना खाएं। परिवार के साथ समय बिताएं। पुराने दोस्तों से फोन पर वीडियो कॉल या कॉल करें। आप अबतक जिस काम को करने के लिए समय तलाश रहे थे वो काम करें। कैसे बढ़ाएं 'खुशी का हार्मोन -
कर्ता : आप स्वयं पोजिटिव रहें, डरना छोड़ें, आत्मविश्वास बढ़ाएं और माफ करना सीखें।
कारक : माहौल, लोगों, परिस्थितियों और विचारों को समझें, शॉर्ट-कट न अपनाएं।
कर्म : अच्छी दिनचर्या रखें, हैल्दी खाना खाएं, नियमित व्यायाम करें।
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