कोरोना वायरस से बचने के उपाय

प्रो. वैद्य महेशचंद्र शर्मा के अनुसार कुछ औषधियां जैसे, आंवला, हल्दी, तुलसी के साथ गिलोय, अदरक का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वायरस के हमले से बचाव में सहायता मिलती है। यह भी रखें ध्यान प्रात भ्रमण, व्यायाम, प्राणायाम करें। उष्ण जल, उष्ण पदार्थों जो चटपटे, कड़वे और कषैले रस वाले हाे, का सेवन किया जाना चाहिए। दिन में नहीं सोना चाहिए, दही, मिठाई और गन्ने के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रात शरीर को गरम वस्त्रों से ढके, ठंडे पदार्थों का सेवन नहीं करें। इनसे बसंत ऋतु में होने वाले कफ प्रधान रोगों से बचा जा सकता है। इनसे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होकर जनपदोध्वंस जन्य बीमारियों से भी बचा जा सकता है। औषधि का फार्मुला गिलोय-40 ग्राम , ताजा है तो 80 ग्राम लें, तुलसी -20 ग्राम हरे पत्ते, अदरक -20 ग्राम, हल्दी-15 ग्राम, काली मिर्च -5 ग्राम का मिश्रण कर लें। उपयोग विधि एक व्यक्ति के लिए 300 मिली लीटर पानी में 15 ग्राम उक्त मिश्रण डालकर मंद आग पर उबालें, 100 मिली लीटर शेष रह जाने पर छान कर पीएं। इससे कफ जन्य रोगों से बचाव होता है।coronavirus Update: भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में भी कोरोना वायरस को दूर रखने के उपाय बताए गए हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञों का दावा है कि इन्हें अपनाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, चीन में मध्यरात्रि तक कन्फर्म मामलों की कुल संख्या 80,860 तक पहुंच गई,  जिनमें 9,898 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, 67,749 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है और 3,213 लोगों ने बीमारी के कारण जान गंवा दी है। आयोग ने कहा कि 134 लोगों के अभी भी वायरस से संक्रमित होने का संदेह है। आयोग ने कहा कि मरीजों के निकट संपर्क में आए 9,582 लोग अभी भी चिकित्सा निगरानी में हैं। रविवार को 1,316 लोगों को चिकित्सा निगरानी से छुट्टी दे दी गई। मध्यरात्रि तक हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एसएआर) में चार मौतों सहित 148 मामलों की पुष्टि हुई थी, मकाऊ एसएआर में 10 और ताइवान में एक मौत के साथ 59 मामलों की पुष्टि हुई थी। हांगकांग में कुल 84, मकाऊ में 10 और ताइवान में 20 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।

कोरोना वायरस से बचने के लिए घर पर बनाएं ये देसी काढ़ा

भारत में कोरोना वायरस के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आयुर्वेद में कोरोना वायरस से बचने केलिए काढ़े का सेवन उचित माना गया है। कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए घर में मौजूद कुछ आयुर्वेदिक औषधियों से काढ़ा तैयार किया जा सकता है। 

ऐसे बनाएं काढ़ा -
काढ़ा बनाने के लिए ज्वर हरण ,गिलोय चूर्ण, त्रिकूट चूर्ण गजा व्याधि क्वाथ, हरा बाशा, तुलसी पत्र ,पीपल, सौंठ, हरी अदरक, नीम की छाल, मुनक्का, काली मिर्च और लौंग के मिश्रण को पानी में करीब डेढ़ घंटे तक धीमी आंच पर उबालें, ठंडा होने के बाद इसे साफ सूती कपड़े से छान लें और इसका सेवन करें।

दशमूल काढ़ा ऐसे बनाएं -
दशमूल तत्व जैसे सौंठ, इलाईची, कालीमिर्च, पीपल, लौंग, गुलेरी, दालचीनी, गिलोय, पुष्कर फूल के चूर्ण का मिश्रण एक लीटर पानी में धीमी आंच पर उबाल लें जब पानी जलकर आधा रह जाए तो ठंडा करके साफ कपड़े से छान लें व इसका सेवन करें।

वायरस से बचें - 
एक ग्राम कपूर, चार इलाईची, चार कालीमिर्च और चार लौंग, अजवायन को कूटकर एक साफ सूती कपड़े में बांध लें और इसके अपनी जेब में रखें। समय-समय पर इसे सूंघते रहें, इससे वायु में मौजूद हानिकारक वायरस से बचाव होगा।

कोरॉना वायरस से बचने के लिए ऐसे बनाए फेफडों को मज़बूत जानिए इसके बारे में।

क्या खाएं -
फेफड़ों में संक्रमण हो तो प्रोटीन युक्त डाइट लें। इससे फेंफड़ों में हुई क्षति जल्दी ठीक होगी। प्रोटीन डाइट में सोयाबीन, अंडा, पनीर, दूध आदि का सेवन करें। दिन में करीब तीन लीटर तक पानी पीएं। टमाटर, गाजर, पपीता, तरबूज, शकरकंद आदि का सेवन करें। रोजाना 1-2 तुलसी की पत्तियों का सेवन करें, इससे रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। लहसुन का सेवन करें, जरूर शामिल करें। इसमें पाया जाने वाला एलिसीन तत्व इंफैक्शन से लड़ने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और फेफड़े स्वस्थ रखने में कारगर है।

क्या न खाएं -
फेफड़ों से संबंधित किसी तरह की परेशानी है तो बहुत खट्टी या ठंडी चीजों का सेवन न करें। तेज मसालेदार भोजन और तला-भुना न खाएं, इससे एसिडिटी होगी ये फेफड़ों के लिए बहुत नुकसानदायक है।

कोरोंना वायरस से बचाएगा ये टीका-
एमआरएनए-1273 पुकारे जाने वाले टीके के साइड इफेक्ट को जांचने के लिए और टीके के प्रभाव को जानने के लिए इसे दो और चरणों के परीक्षणों से गुजरना पड़ेगा और इस प्रक्रिया में कम से कम एक साल लग सकता है। मॉर्डना ने कहा कि यह पहले से ही टीके के दूसरे चरण के परीक्षण की तैयारी कर रहा हैं, जो कुछ महीनों में शुरू हो सकता है। ट्रंप ने कहा कि बीमारी के इलाज के लिए दवाएं विकसित करने के प्रयास भी तेजी से आगे बढ़ रहे है।कोरोनोवायरस बीमारी से निपटने के लिए प्रशासन के प्रमुख वैज्ञानिक एंथनी फौसी ने कहा कि उन्हें लगा था कि परीक्षण के लिए टीके के तैयार होने से पहले दो या तीन महीने लग जाएंगे लेकिन यह 65 दिनों में तैयार हो गया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह रिकॉर्ड है। फौसी 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज' के निदेशक हैं, जो टीका विकसित करने में मॉर्डना के साथ सहयोग कर रहा है।

O को नहीं इस ब्लड ग्रुप वालों को है कोरोना का ख़तरा-

रक्त नमूनाें की जांच
वांग जिंगहुआन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने सेंटर फॉर एविडेंस-बेस्ड एंड ट्रांसलेशनल मेडिसिन, झोंगनान अस्पताल, वुहान विश्वविद्यालय में 2,000 से अधिक संक्रमित रोगियों के रक्त समूह के पैटर्न को देखा। उन्होंने पाया कि 'ए' ब्लड ग्रुप ( Blood Group A ) वाले रोगियों में संक्रमण की उच्च दर और अधिक गंभीर लक्षण विकसित हुए। 206 रोगियों में से 85 में रोगी 'ए' ब्लड ग्रुप के थे।

'ए' ब्लड ग्रुप काे विशेष उपचार-
शोधकर्ताओं ने कहा कि 'ए' ब्लड ग्रुप वाले लोगों का किसी भी तरह के इंफेक्शन के प्रति ज्यादा सजग रहने की जरूरत है, साथ ही Sars-CoV-2- से संक्रमित इस ब्लड ग्रुप रोगियों को ज्यादा सतर्क निगरानी और विशेष उपचार की आवश्यकता हो सकती है। अध्ययन में कहा गया है कि ब्लड ग्रुप ओ ( Blood Group O ) में नॉन-ओ ब्लड ग्रुप्स की तुलना में संक्रामक बीमारी के लिए काफी कम जोखिम पाया गया, हालांकि अभी पीयर की समीक्षा की जानी है।

भारत में सबसे ज्यादा O ब्लड ग्रूप
यूएस नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के एक अध्ययन के अनुसार, 'O' भारत में सबसे आम रक्त समूह (37.12 प्रतिशत) है, इसके बाद B( 32.26 प्रतिशत), फिर A (22.88 प्रतिशत) और AB ( 7.74 प्रतिशत ), सबसे कम प्रचलित समूह है। जबकि अमेरिका में, लगभग 44 फीसदी आबादी का ब्लड ग्रुप ओ है, और 41 फीसदी का ब्लड ग्रुप ए है। द्वारा जारी किए गए सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करें।