इस समय धूप सकेगे तो नहीं होगा कोराना वायरस का खतरा, जानिए इसके बारे में 

रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी), गोरखपुर के निदेशक एवं आईसीएमआर के रिसर्च मैनेजमेंट, पॉलिसी प्लानिंग एंड बायोमेडिकल कम्युनिकेशन प्रमुख डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव ने बताया कि इस नए कोरोनावायरस को 'एसएआरएस-सीओवी-2Ó नाम दिया गया है। देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लिए जा रहे सैंपल की जांच की सुविधा आईसीएमआर की 72 प्रयोगशालाओं में मुहैया करवाई गई है। 

यह बीमारी भारत में उन देश से अाई जो देश के बाहर से आए हैं। इसलिए, हमें जागरूक व सतर्क बने रहने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री के बयान से पहले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने भी कहा था कि देश में कोरोनावायरस का प्रसार अभी दूसरे चरण में है और कम्युनिटी स्तर पर अभी इसका संचार नहीं हुआ है। अश्विनी चौबे ने लोगों को दिन में 11 बजे से लेकर 12 बजे तक धूप सेंकने की सलाह दी और कहा कि धूप विटामिन-डी का स्रोत है इसलिए इससे न सिर्फ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, बल्कि वायरस को नष्ट करने में भी मदद मिलेगी। चौबे ने कहा कि सरकार नई एडवायजरी जारी करती रही हैं और बीमारी की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाती रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को भीड़भाड़ से बचना चाहिए और कोई काम करने से पहले हाथों की सफाई करनी चाहिए, साथ ही छिंकते समय लोगों से करीब एक मीटर की दूरी बनानी चाहिए चौबे ने अपने ट्विटर एवं फेसबुक अकाउंट पर हाथ धोते हुए एक वीडियो शेयर करके लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक संदेश में पोस्ट पर लोगो से अपील करते हुए कहा है कि कोराना वायरस से डरना नहीं परन्तु जागरूक बनना है, और अपने हातो एवं शरीर की सफाई पर विशेष ध्यान देना है। नई दिल्ली स्थित निर्माण भवन में मंत्रिमंडल समहू की उच्च स्तरीय बैठक संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि बैठक में कोरोना वायरस को लेकर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई। भारत में कोरोनावायरस के 184 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 141 भारतीय और 25 विदेशी शामिल हैं। कुल मरीजों में 15 अब तक स्वस्थ हो चुके हैं जबकि कोरोनावायरस से चार लोगों की मौत हो चुकी है। नोवल कोरोनावायरस का प्रकोप पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान शहर से पैदा हुआ और अब तक इससे घातक वायरस ने दुनियाभर में 7,000 से अधिक लोगों की जानें ले ली हैं जबकि 1.50 लाख से अधिक लोगों में इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप से 3,189 लोगों की मौत की रिपोर्ट है, जबकि इसके संक्रमण के 80,824 मामलों की पुष्टि हुई है।

मोबाईल कि सतह पर 3 दिन तक जिंदा रह सकता है COVID-19

कोरोना के बढ़ते प्रकोप में एक बात हो अहम हो गई है कि यह वायरस कब तक जिंदा रहा सकता है। हाल में हुई एक रिसर्च में इस बात का दावा किया गया कि यह वायरस हवा में कुछ घंटों तक जिंदा रह सकता है और किसी सतह पर कई दिनों तक। हालांकि, सतह पर ये कितने दिन जिंदा रहेगा, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि वह सतह कैसी है। आइए जानते हैं COVID -19 को लेकर हुए खुलासों के बारे में:-

वक्त के साथ कमजोर होता है कोविड-19

इस रिसर्च में दावा किया गया है कि SARS-COV-2 यानी कोविड-19 से लोग हवा के जरिए भी संक्रमित हो सकते हैं या फिर किसी सतह को छूने से भी ये संक्रमण उनमें जा सकता है। रिसर्चर्स ने ये पाया है कि ये वायरस हवा और सतह पर कुछ दिनों तक जिंदा रह सकता है, लेकिन समय के साथ इसकी लोगों को संक्रमित करने की क्षमता भी कम होती जाती है।

हवा में 3 घंटे की जिंदगी

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच), सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी), प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और यूसीएलए ने द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक रिसर्च प्रकाशित की है। इस रिसर्च से पता चला है कि कोरोना वायरस हवा में करीब 3 घंटों तक जिंदा रह सकता है। बता दें कि जब कोई खांसता या छींकता है तो उसकी लार के कणों के जरिए हवा में यह वायरस चला जाता है। और करीब 3 घंटो तक जिंदा रहता है।

कॉपर पर 4 घंटे की जिंदगी

रिसर्च के अनुसार अगर सतह कॉपर की है तो उस पर ये वायरस करीब 4 घंटे तक जिंदा रह सकता है। जिस तरह मोबाईल प्लास्टिक एवं एस्टिल पर 2-3 दिन तक जिंदा रह सकता है। उसी तरह कॉपर पर भी 4 घंटे जिंदा रह सकता है।

कोराना संक्रमण को न्योता दे सकती है डायबिटीज रोगियों की ये गलतियां

इम्यून सिस्टम मज़बूत होगा तो कोराना से लड़ सकेंगे

अब तक कोरोना से संक्रमित चार मरीजों की मौत हो चुकी है। इससे निपटने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक तेजी से प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों को मिली सफलता ने एक नई आशा जगाई है। पीटर डोहर्टी इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शन एंड इम्युनिटी, ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ता को इस वायरस और हमारे इम्यून सिस्टम के बारे में एक महत्वपूर्ण जानकारी पता चली है। उनके अनुसार कोरोनावायरस से संक्रमित 40 वर्षीय महिला के रक्त की जांच से पता चला है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कोरोनोवायरस के खिलाफ भी उसी तरह काम करती है जिस तरह वो आमतौर पर किसी फ्लू से लड़ती है। इस संक्रमण के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली किस तरह काम करती है, उसकी मैपिंग भी कर ली है। यह जानकारी इस बीमारी से निपटने और इसका निदान पाने में अहम् भूमिका निभा सकती है। मेलबर्न यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी की प्रोफेसर कैथरीन केडज़िएर्सका के अनुसार यह अध्ययन इस बात को समझने में मदद कर सकता है कि कैसे कुछ लोग इस बीमारी से ठीक हो जाते हैं और क्यों कुछ लोगों में इसके चलते सांस सम्बन्धी गंभीर समस्या पैदा हो जाती है। साथ ही, इसकी मदद से वैज्ञानिक बड़ी संख्या में संक्रमित लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली और कोरोनावायरस के सम्बन्ध को समझ सकते हैं। महिला कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुकी है। इससे ये साबित होता है कि इस वायरस से निपटना मुश्किल तो है पर नामुमकिन नहीं है।

पर्याप्त ब्लड-शुगर लेवल रोकता है संक्रमण

विशेषज्ञाें के अनुसार ग्लाइकेमिक कंट्रोल (ब्लड-शुगर लेवल) अच्छा रहने से सेकंड्री बैक्टेरियल न्यूमोनिया की आशंका भी कम हो जाती है जो कोविड- 19 का एक प्रमुख कंप्लिकेशन है। इसलिए डायबिटीज राेगियाें काे शुगर लेवल बराबर चेक करते रहना चाहिए। शुगर लेवल को काबू रखकर संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है। संक्रमण को न्योता देते हैं लाईफ स्टाइल डिजिज एक रिसर्च के मुताबिक, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों वाले 19% व्यक्ति में कोविड- 19 का गंभीर स्वरूप देखा गया, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। कोविड- 19 पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और चीन के जॉइंट मिशन की रिपोर्ट में इसी तरह की बातों पर जोर दिया गया है। विशेषज्ञाें के अनुसार डायबिटीज राेगियाें काे अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पोषण युक्त डाइट और पर्याप्त प्रोटीन लेना जरूरी है। साथ ही नियमित एक्सरसाइज भी फायदेमंद रहेगी। COVID- 19: अगर जाने अनजाने ले रहे हैं ये दर्द निवारक गोली, तो फैल सकता है कोरोना : WHO इन बातों का ध्यान रखें डायबिटिज रोगी ( Healthy Tips For Diabetes Patients ) न छोड़े ब्रेकफास्ट

हेल्दी डाइट ले

अपनी डाइट में आपको ऐसी ही चीजों को शामिल करना चाहिए जो डायबिटीज के स्तर को कम कर सके। नियमित जांच डायबिटीज रोगियों को नियमित तौर पर ब्लड शुगर लेवल की को कराते रहना चाहिए। यदि वे अपने ब्लड शुगर में निरंतर वृद्धि देखते हैं तो उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव को कभी नजरअंदाज न करें। भरपूर नींद लें नेशनल स्लीप फाउंडेशन (NSF) के मुताबिक कम सोने के कारण भी ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है। लेकिन जिस तरह से हमारी दिनचर्या अनियमित हो गई है उस लिहाज से ब्लड शुगर का स्तर लगातार बढ़ता ही जाता है। Coronavirus Update: खुशखबरी, ये एंटी वायरल दवा, काेराेनावायरस मरीजाें के लिए बनी रामबाण कारोना से बचाव में ये सावधानी रखें मधुमेह रोगी coronavirus us Prevention Tips For Diabitic ) हाथों की सफाई का रखें ध्यान।

लोगो से न मिले

संक्रमित हो सकते हैं। लोगों से न मिलें डायबिटीज से पीड़ित लोगों को किसी भी प्रकार की संक्रामक बीमारियों से संक्रमित होने की आशंका अधिक होती है। ऐसे में अगर वह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी भी पर्सन के कॉन्टैक्ट में आते हैं तो उन्हें बड़ी आसानी से इसका संक्रमण हो जाएगा। इसलिए कम से कम लोगों से मिले। अगर किसी से मिलना बहुत जरूरी हो तो कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए बताई गई सावधानियों का जरूर पालन करें। Coronavirus Update: काेराेना के इलाज का दावा कर फंसे बाबा रामदेव, डॉक्टरों ने की प्रतिबंध की मांग ब्लड शुगर चेक मशीन की सफाई रखें डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल चेक करने वाली मशीन की सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मशीन को आप सैनिटाइजर की कुछ बूंदों के जरिए साफ रख सकते हैं। ऐसा करने से संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा।

कोराना से बचना है तो पालतू जनवरी से बनाए दूरी, जानिए इसके बारे में 

ऐसे हो सकता है नुकसान - पालतू जानवर जहां-तहां बैठ जाते हैं ऐसे में जब वे घर के भीतर आते हैं तो तरह-तरह के कीटाणु, हुकवर्म(एक प्रकार के कीड़े)और उनके लार्वा को भी ले आते हैं। घर में जगह-जगह घूमने से ये जीवाणु घर में फैल जाते हैं और परिवार के सदस्य बीमार हो जाते हैं।

ये हैं खतरे-

लगातार हुकवर्म के संपर्क में रहने से सदस्यों में प्रोटीन की कमी, रक्त की कमी, हार्ट डिजीज और पेट की बीमारियां हो सकती हैं। जानवरों से स्केबीज नामक संक्रमण फैल सकता है। यह स्किन डिजीज आगे चलकर एग्जिमा का रूप ले लेता है। पालतू जानवरों से राउंडवॉर्म, रिंगवॉर्म आदि फैलते हैं, जो त्वचा संक्रमण वालों को नुकसान पहुंचाते हैं और अन्य बीमारियों के सबब बन सकते हैं। पालतू जानवरों से अस्थमा के मरीजों को परेशानी हो सकती है। कुत्तों के काटने से रैबीज नामक खतरनाक बीमारी हो सकती है।

थोड़ी दूरी भी जरूरी -

जब भी आपका पैट बाहर से आए तो उसे गीले कपड़े से पोछें या पानी से उसके पैरों को धो दें। सावधानी से पालें पैट्स - पालतू जानवरों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए ये सावधानियां बरतें - पैट की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। उन्हें दस्ताने या मास्क पहनकर नियमित रूप से नहलाएं। शुरू से ही बाहर ले जाकर मल-मूत्र त्याग करने की आदत डालें। इसके लिए उन्हें अपने साथ मॉर्निंग एवं ईवनिंग वॉक पर ले जाएं। अगर घर में जानवर ने मल-मूत्र कर दिया है तो तुरंत सफाई करें। पशु-चिकित्सक से नियमित अंतराल पर पैट की सेहत चेक करवाएं। डॉक्टर की राय से एंटी बैक्टीरियल लोशन का प्रयोग करें। पालतू जानवर का आवश्यक टीकाकरण जरूर करवाएं। पैट के पिंजरे या रहने के स्थान को साफ-सुथरा रखें। घर के सभी सदस्य भोजन करने से पहले अच्छी तरह हाथ जरूर धोएं।

न करें लापरवाही -

पालतू जानवर पालने से तनाव, अवसाद और अकेलेपन की समस्या नहीं रहती। लेकिन इन्हें पालने के लिए आपका खुद का एक्टिव होना बेहद जरूरी है ताकि जानवर को घूमाने, नहलाने जैसे कामों में आपको आलस्य नहीं आए।