कोराना वायरस - जरूर जान ले इम्यूनिट बढ़ाने से सम्बन्धित ये बाते 

कमी के कारण: खानपान की गलत आदतें, तनाव, बीमारी व किसी विशेष प्रकार की मेडिसिन के दुष्प्रभाव से भी इम्युनिटी घटने लगती है। बढ़ाने के उपाय: जो मांएं चाहती हैं कि बच्चे की इम्युनिटी बेहतर रहे तो इसके लिए वे प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग, शराब, तनाव से दूर रहें। मां का दूध नवजात शिशु को सबसे ज्यादा इम्युनिटी देता है इसलिए मांएं बच्चों को शुरुआती गाढ़ा पीला दूध जरूर पिलाएं। बुजुर्गों के लिए - बुढ़ापे में किडनी, दिल, लिवर व मसल्स में बदलाव आने लगते हैं, दांत व आंत साथ नहीं देते, नर्वस सिस्टम कमजोर होने लगता है जिससे इम्युनिटी घटती है। इसलिए अपनी डाइट में पानी, वसा, विटामिन, प्रोटीन, मिनरल व कार्बोहाइड्रेट को संतुलित मात्रा में शामिल करें और डॉक्टर द्वारा बताई गई जोड़ों, कमर व घुटने आदि की एक्सरसाइज करें।

कैसे बढ़ाएं अच्छे बैक्टीरिया - 

अच्छा खान-पान - अच्छी दिनचर्या- खाने, पीने और सोना अच्छे बैक्टीरिया की वृद्धि के लिए वातावरण तैयार करती हैं। अच्छा व्यवहार - जैसा कि हमारी सभ्यता और संस्कृति सिखाती है-शरीर के अंदर निवास करने वाले अरबों सूक्ष्म जीव आपके व्यवहार से भी प्रभावित होते हैं। हमारे व्यवहार को हार्मोन नियंत्रित करते हैं और हार्मोन को मस्तिष्क। मस्तिष्क हमारे ज्ञान, आदतों और व्यवहार के अनुसार कार्य करता है। ऐसे में सकारात्मक विचार और नियम-संयम वाला व्यवहार आपके साथ आपके अंदर निवास करने वाले जीवों के लिए भी अनुकूल होगा। वायरस से मुकाबला करने में मददगार - इटली की स्पेनजा यूनिवर्सिटी के शोधकर्मियों ने प्रोबॉयोटिक बैक्टीरिया में वायरसों के मुकाबले की शक्ति खोज निकाली है। एनअरोबी जर्नल में प्रकाशित उनके शोध के अनुसार लैक्टोबेसिलस ब्रेवी जैसे बैक्टीरिया हर्पीज जैसे वायरसों का मुकाबला करते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधकता क्षमता को बढ़ाकर शरीर को स्वस्थ रखते हैं।
वही हमें बीमारियां भी बांट रहे हैं वो भी आसानी से। यकीन न आए तो खुद ही देख लें। कोरोना वायरस संक्रमण से फैलने वाली एक घातक बीमारी है।

कोराना वायरस के बीच रहे सावधान- घर में मौजूद इन वस्तुओं से भी सेहत को रहता खतरा

एसी : चलाएं लेकिन संभलकर- कभी लग्जरी का सिंबल रहा एसी आज लोगों की जरूरत बनता जा रहा है। लेकिन कम ही लोगों को पता है कि एसी घर में आने के साथ कुछ बीमारियों को भी न्योता दे देता है। इंटरनेशनल जनरल ऑफ एपेडीमियोलॉजी के शोध के अनुसार अगर एसी से बाहर निकलने वाली गर्म हवा के बाहर निकलने के उचित प्रबंध न हो तो ये कई बैक्टीरिया के पनपने की वजह बन जाता है। एसी से कमरे में पॉजिटिव आयन निकलते हैं जब कमरे की हवा में इनकी संख्या बढ़ जाती है तो इनसे थकान और चिडचिड़ापन जैसे लक्षण दिखते हैं। एसी से कमरे और उसके बाहर के तापमान और आर्द्रता में अंतर होता है। एसी का इस्तेमाल करने वालों में गर्मी में गले में खरास, सांस में दिक्कत जैसी परेशानियां भी देखने को मिलती हैं। इसके साथ ही एसी में रहने वाले के स्किन पर भी असर पड़ता है। एसी के इस्तेमाल से होने वाला ध्वनि व वायु प्रदूषण भी नुकसानदायक होता है। मोबाइल : फैला रहा बीमारियां - मोबाइल फोन को कई स्टडीज में फ्रिज की तरह ही टायलेट से भी गंदा बताया है। साफ सफाई से होने वाली बीमारियों का खतरा तो मोबाइल लाता ही है।

मोबाईल : फेला रहा है बीमारियां-  

अभी दुनियाभर में रिसर्च हो रहे हैं कि इसका दिमाग पर क्या असर पड़ता है। अगर मोबाइल की रेडियोफ्रीक्वेसी कम है तो सिर दर्द जैसे आम समस्याएं देखने को मिलती हैं। दावा तो यहां तक किया जाता है कि मोबाइल से ब्रेन ट्यूमर का भी खतरा है। लेकिन कैंसर जैसी घातक बीमारियां लम्बे वक्त में होती हैं ऐसे में अभी तक इसके ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं आए हैं। हालांकि वल्र्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन ने भी इस तरह के खतरे का अंदेशा जताया है।

फ्रिज से फूड पॉइजनिंग -

ब्रिटेन के हाइजीन काउंसिल ने हाल ही फ्रिज की साफ-सफाई को लेकर एक सर्वे किया। सर्वे के नतीजे चौंकाने वाले रहे। इसके मुताबिक ज्यादातर घरों में फ्रिज हाइजीन के मानक पर फेल रहे। 15 फीसदी घरों में फ्रिज में बीमारियां पैदा करने वाले बैक्टीरिया की भरमार रही। काउंसिल के सर्वे के मुताबिक ज्यादातर फ्रिजों की हालत टायलट से भी बदतर रही। सर्वे में फ्रिज में सबसे ज्यादा ई कोलाई बैक्टीरिया पाया गया। वैसे तो ये बैक्टीरिया कई बीमारियों का जनक है लेकिन फूड प्वाइजनिंग की भी बड़ी वजह है।

लैपटॉप रेडिएशन से सावधान -

लैपटॉप है तो बड़े काम की चीज। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि जिंदगी आसान बना देने वाला ये उपकरण आपको मुफ्त में कई बीमारियां भी देता है। 
ये तो शरीर संबंधी परेशानियां लेकिन बैटरी को गलत ढंग से चार्ज करने या बैटरी में डिफेक्ट होने पर तो सीधे जान जाने का खतरा होता है। दरअसल इससे लैपटॉप में धमाके का खतरा होता है।

माइक्रोवेव ओवन: हो सकता है घातक-

किचन में ज्यादा इस्तेमाल होने वाला एक और उपकरण है माइक्रोवेव ओवन। स्वीटजरलैंड के वैज्ञानिक हर्टल के एक शोध (१९९२) के अनुसार ओवन से निकलने वाली रेडिएशन से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा होता है। दरअसल ओवन में खाना रेडिएशन के जरिए ही गर्म होता है। ओवन पिछले 40 सालों से चलन में हैं लेकिन आज तक किसी रिसर्च में इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि ओवन पूरी तरह से आपके लिए सुरक्षित है। ओवन के विरोधियों का दावा है कि इसके इस्तेमाल से खाने की पौष्टिकता नष्ट होती है। एक हद तक ये सही भी है। खाने को अगर उचित तापमान पर गर्म न किया जाए या बार-बार गर्म किया जाए तो खाने की पौष्टिकता नष्ट होती है। दूसरी तरफ अगर आप ये सोचते हैं कि ओवन से आपके हाथ और उंगलियां जलने से सुरक्षित रहती है तो ये आपको गलतफहमी है।
कोरोना से जंग जितने वालों ने बताए अनुभव, कहा- होती है घुटन लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। जबकि करीब 89,044 लाेगाें ने काेराेना काे हराकर जिंदगी की जंग जीती है। कोरोना वायरस के लक्षण अन्य वायरस फ्लू की तरह ही होते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में

दर्दनाक साइनस

सामान्य सर्दी जुकाम में साइनस की समस्या होना आम है लेकिन कोरोना का साइनस दर्दनाक हो सकता है। चीन के वुहान शहर के निवासी कॉनर रीड ने अपनी डायरी में लिखा की मुझे दर्द हो रहा है, मेरा सिर अकड़ रहा है, मेरी आंखें जल रही हैं, मेरा गला दब गया है। मै साइनस के दर्द से तड़प रहा हूं। रीड नवंबर 2019 में नोबल कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे। कानों पर दबाव
कॉनर का कहना कि वायरस की वजह से उनके कानों पर भारी दबाव रहता था। उन्होंने सलाह देते हुए कहा की कानों के दर्द से राहत पाने के लिए ईयरबड का उपयोग न करें और इससे आपको ज्यादा नुकसान हो सकता है।

तेज सिरदर्द

वायरस संक्रमण के कारण ओहियो अस्पताल में भर्ती रहे केविन हैरिस ने कहा कि जब आपको फ्लू या जुकाम होता है तो सिरदर्द आम है। यह निर्जलीकरण के कारण भी हो सकता है।

गले में सूजन

इटली में वायरस संक्रमण की चपेट में आए एंड्रयू ओ ड्वायर का कहना है कि लगातार खांसी के कारण गले में सूजन हो जाती है, जिसके कारण गला संकुचित हो जाता है। यह इस संक्रमण का खास लक्षण है। यदि आपको सांस लेने या निगलने में परेशानी हो रही है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप तुरंत एक डॉक्टर दिखाएं। उन्होंने कहा कि वह खांसी काफी दुर्बल करने वाली थी। सबसे खराब समय बेकाबू खांसी वाला था।

शरीर में तेज दर्द

कोरोनावायरस से संक्रमित लोग अपने शरीर में गंभीर दर्द का अनुभव करते हैं। जो केवल कान और छाती तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि हाथ और पैर भी होता हैं। ऐसा कोरोनोवायरस संक्रमण के दौरान होने वाले बुखार के कारण हो सकता है। इसके साथ तनाव भी दर्द को बढ़ाता है। सिएटल में रहने वाली एलिजाबेथ श्नाइडर ने कहा कि पहले जिन लक्षणों का उन्होंने अनुभव किया था वे बहुत तेज बुखार के साथ गंभीर सिरदर्द, शरीर और जोड़ों के दर्द थे।

फेफड़ों में भारीपन, सांस लेने में दिक्कत

यदि सांस लेते समय आपको फेफड़ों पर भारीपन लग रहा है, तो यह निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं। आपके सांसों की नली में तरल पदार्थ के कारण क्रॉनिक ब्रीदिंग हो सकता है जो कोरोनोवायरस संक्रमण से जुड़ा होता है। रोड आइलैंड के मार्क थिबॉल्ट ने कहा कि उन्हें ऐसा लगा जैसे उनका दम घुट रहा है, और काफी कोशिश के बाद भी वे सांस नहीं ले पा रहे हैं। घुटन हो रही है। 
उन्होंने कहा कि कोरोनोवायरस के कारण उन्हें खाना खाने का मन नहीं होता था। 

बुखार 

संक्रमण के लक्षण के तौर पर बुखार को सबसे ज्यादा चिन्हित किया गया है। क्योंकि कई संक्रमित लोगों में बिना किसी श्वसन समस्या या खांसी के बुखार पीड़ित पाया गया। दिल्ली के पहले COVID-19 रोगी ने कहा कि जब वे अपनी इटली यात्रा से लौटे तब उन्हें बुखार का अनुभव हुआ और फिर कुछ दिनों फिर से बुखार आया। बुखार के लिए अपना परीक्षण कराने पर उनमें कोरोनावायरस संक्रमण की पुष्टि हुई।
COVID- 19 Update: देश के विभिन्न हिस्सों से 13 नए मामले सामने आने के बाद शुक्रवार को भारत में नोबल कोरोनावायरस (COVID-19) के मामले की संख्या 200 के पार हो गए।
संक्रमण के कारण चौथे व्यक्ति की मौत गुरूवार को पंजाब में हुई, तीन अन्य मौतें दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुई थीं। कोरोना संक्रमण से ठीक हुए एक इतालवी पर्यटक का गुरुवार देर रात जयपुर के एक अस्पताल में हृदय गति रुकने से मौत हो गई। किन राज्यों में फैला कोरोनावायरस पश्चिम बंगाल में, हाल ही में ब्रिटेन की यात्रा कर लौटे व्यक्ति का शुक्रवार को नोबल कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया। बंगाल में यह दूसरा पुष्ट मामला है। सऊदी से लौटे एक व्यक्ति का शुक्रवार को आंध्र प्रदेश में सकारात्मक परीक्षण किया। इस ताजा मामले के साथ आंध्र अब तीन मामलों की पुष्टि हो गई है। 69 वर्षीय एक महिला, जो हाल ही में यूनाइटेड किंगडम से लौटी थी, का कोरोनोवायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया, जिसके का बाद पंजाब में पुष्ट मामलों की संख्या तीन हो गई। " शुक्रवार को लखनऊ में चार ताजा मामले सामने आए। जिसके बाद उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के सकारात्मक मामलों की संख्या 23 हो गई। गुजरात, जिसने गुरुवार को अपने पहले दो रोगियों की रिपोर्ट की, ने शुक्रवार को तीन नए सकारात्मक मामले दर्ज किए।

दिल्ली में, गुरुवार को चार नए मामले सामने आए, जिसके बाद राजधानी संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या 14 हो गई। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि नए मामलों में पश्चिम बंगाल के दो लोग शामिल हैं, जो इटली से लौटे थे। वे अब भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के वार्ड में हैं। जबकि 14 में से अब तक तीन मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। राजस्थान में एक स्पेन-सेवानिवृत्त दंपति में गुरुवार को कोविद -19 की पुष्टि हुई। जिससे राजस्थान में कुल मामलों की पुष्टि नौ हो गई। दो भारतीय वन सेवा परिवीक्षक जो हाल ही में स्पेन में एक अध्ययन दौरे से लौटे थे, में भी कोरोना की पुष्टि हुई है, जिसके बाद उत्तराखंड में पुष्ट मामलों संख्या तीन हो गई। तीनों एक 28-सदस्यीय समूह का हिस्सा थे जो हाल ही में स्पेन में अध्ययन दौरे से लौटे थे। सात लोग, जिनमें से कुछ हाल ही में विदेश से आए थे, गुरुवार को कोरोनोवायरस जैसे लक्षणों के साथ कोलकाता के अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किए गए। कर्नाटक में, दुबई से लौटे कोडागु के एक 35 वर्षीय व्यक्ति का कोरोनोवायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया, जिससे राज्य में कुल मामलों की संख्या 15 हो गई। 15 में से दो रोगियों, जिनका इलाज चल रहा था, उन्हें जल्द छुट्टी दे दी जाएगी।
लद्दाख में अब तक 10 कोरोनोवायरस मामले सामने आए हैं जिनमें भारतीय सेना के जवान शामिल हैं। केरल में 25 और जम्मू कश्मीर से 4 मामले। कहां कितने मामले जानिए इसके बारे में

बंगाल— 2 

आंध्रप्रदेश—3 

उत्तरप्रदेश— 23 

पंजाब— 3 

गुजरात—3 

महाराष्ट्र — 52 

दिल्ली—14 

राजस्थान—9 

उत्तराखंड—3 

कर्नाटक—15 

तमिलनाडु—3 

कलकत्ता—7 

केरल —25 

कश्मीर—4 

लद्दाख—10