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कोराना वायरस न्यूज़ इंडिया(Koronavirus News India)

इन दो अंतरिक्ष यात्रियों से जानिए कैसे रखे खुद को क्वारटिंन और सेल्फ इसोलेंट

कोरोना महामारी के इस दौर में महीनों ब्रह्मांड के वातावारण में रहकर आने वाले अंतरिक्ष यात्रियों से बेहतर हमें आइसोलेशन के बारे में कौन बता सकता है। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ऐसे ही एक एस्ट्रोनॉट हैं 2015 -16 के दौरान पूरा एक वर्ष अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन पर बिताकर आने वाले अंतरिक्ष यात्री स्कॉट कैली। जब वे वापस पृथ्वी पर आए तो वैज्ञानिकों ने उन्हें कुछ समय के लिए पूरी तरह से एकांत में रखा ताकि उनका शरीर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण और वातावरण के अनुसार फिर से ढल सके। इसी अनुभव के आधार पर वे कोरोना महामारी के दौरान लोगों को क्वारंटीन और सेल्फ आइसोलेशन के टिप्स दे रहे हैं।
इन दो अंतरिक्ष यात्रियों से जानिए कैसे रखें खुद को क्वारंटीन और सेल्फ आइसोलेट
ऐसे करें खुद को आइसोलेट
कैली का कहना है कि सेल्फ-आइसोलेशन के दौरान हंसी-मजाक और खुशनुमा गतिविधियों के लिए समय निकालिए। मैं भी अपने क्रू मेंबर्स के साथ फिल्में देखना, ऑनलाइन शो और शौकिया हॉबीज में खुद को व्यस्त रखता था। इस दौरान भरपूर नींद लें, ऐसी जगह चुनें जहां आप खुद को प्रकृति के नजदीक रख सकें। अंतरिक्ष में हम खुद को प्रृकति के नजदीक महसूस करने के लिए पक्षियों की चहचहाहट, पेड़-पौधों और हवाओं के चलने की रिकॉर्डेड आवाजें सुना करते थे। इतना ही नहीं आप किताबें, म्यूजिक, आर्ट एंड क्राफ्ट भी कर सकते हैं। समय बिताने के लिए अंतरिक्ष यात्री भी यही सब करते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने प्रियजनों से जुड़े रहिए।
इन दो अंतरिक्ष यात्रियों से जानिए कैसे रखें खुद को क्वारंटीन और सेल्फ आइसोलेट
आइएसएस कमांडर ने भी दिए टिप्स
कनाडा के आइएसएस कमांडर क्रिस हैडफील्ड ने भी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान स्पेस स्टेशन से शूट की गई दुनिया की सबसे चर्चित डॉक्यूमेंट्री में से एक 'स्पेस ऑडिटी' बनाई थी। उन्होंने भी कोरोना आउटब्रेक के समय लोगों से सेल्फ-आइसोलेशन के टिप्स शेयर किए हैं। उन्होंने अपने एक वीडियो 'एन एस्ट्रोनॉट्स गाइड टू सेल्फ-आइसोलेशन' में चार मुख्य बिंदु बताए हैं।
01. जोखिम को समझें
डरने की जरुरत नहीं है, लेकिन परिस्थिति की गंभीरता को भी समझें। पुख्ता स्रोत से जानकारी जुटाएं कि आपको या आपके प्रियजनों को महामारी के समय किन बातों से सबसे ज्यादा जोखिम हो सकता है।
02. अपना लक्ष्य तय करें
वास्तव में आप करना क्या चाहते हैं, यही जानना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस दौरान अपने लिए पूरा दिन, सप्ताह या महीने के हिसाब से लक्ष्य तय कीजिए और उन्हें पूरा करने में जुट जाएं।
03. बाधाओं का पता लगाएं
हैडफील्ड कहते हैं कि लक्ष्य तय करने के बाद यह भी पता करें कि इन्हें पूरा करने में वे कौन-सी बाधाएं हैं जो आपको रोकती हैं। आर्थिक अवरोध, काम की अधिकता या अन्य रुकावटों की पहचानकर उन्हें दूर करने का उपाय करें।
04. जरूरी कदम उठाएं
एक बार जब आप लक्ष्य तय कर लें, रुकावटों की पहचान कर लें तो रुककर समय खराब न करें। जो भी करें उसके लिए एक समय सीमा तय करें ताकि आप काम को गंभीरता से समय पर पूरा करने की कोशिश करें।
इन दो अंतरिक्ष यात्रियों से जानिए कैसे रखें खुद को क्वारंटीन और सेल्फ आइसोलेट
बज एल्ड्रिन भी आए आगे
सेवानिवृत्त अंतरिक्ष यात्री और चांद पर जाने वाले दूसरे इंसान 90 वर्षीय बज्ज एल्ड्रिन ने भी कोरेाना वायरस के समय लोगों को अपने अनुभव से कुछ जरूरी बातें बताई हैं। वे उस समूह का हिस्सा हैं जिन्हें इस वायरस से संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा है। उन्होंने कहा कि अपनों से ज्यादा अपने परिवार के बुजुर्गों, बच्चों और महिलाआं का खयाल रखें। इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे में वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए इन्हें जरूरी सहयोग भी दें।
इन दो अंतरिक्ष यात्रियों से जानिए कैसे रखें खुद को क्वारंटीन और सेल्फ आइसोलेट
सोशल मीडिया पर हैशटैग मुहिम
इन दिनों भारत में हैशटैग स्टेहोम इंडिया और हैशटैग स्टे एट होम एंड सेव लाइव्ज ट्विटर पर खूब ट्रेंड कर रहे हैं। ऐसा ही एक ट्वीट किया है एस्ट्रोनॉट एनी मैक्लीन ने। वे दुनिया की पहली ऐसी नासा एलजीबीटी एस्ट्रोनॉट हैं जिन्होंने इसे खुलकर स्वीकार किया है। अपने tweet में एनी ने बताया है कि कैसे अंतरिक्ष यात्री आइसोलेशन के दौरान खुद को स्वस्थ और व्यस्त रखते हैं। उन्होंने कुछ टिप्स भी साझा किए हैं। उन्होंने लोगों को सुझाव देते हुए एक के बाद एक 16 ट्वीट में उन्होंने अपने 20 साल लंबे स्पेस कॅरियर के अनुभव साझा किए। आइसोलेशन में समय बिताने को स्पेस वल्र्ड में 'गुड एक्सपीडिशनरी बिहेवियर' या हैशटैग गुड ईबी भी कहते हैं।
इन दो अंतरिक्ष यात्रियों से जानिए कैसे रखें खुद को क्वारंटीन और सेल्फ आइसोलेट
एनी मैक्लीन के गुड ईबी के पांच काम के टिप्स ये हैं।

स्किल 01. कम्यूनिकेशन:
आइसोलेशन के दौरान संवाद और संचार बेहद जरूरी है। ताकि आप वासतविकता को समझ सकें और अपनी भावनाएं भी दूसरों तक पहुंचा सकें।
स्किल 02. लीडरशिप:
लीडरशिप या फॉलोअरशिप का मतलब है कि कितनी जल्दी हम परिस्थितियों को अपना लेते हैं। ऐसे में एक अच्छज्ञ लीडर अपनी टीम के हौसले बुलंदकर उनकी क्षमता और काबिलियत को बढ़ाने का काम करता है। इसके लिए जिम्मेदार होने की जरुरत है।
स्किल 03. सेल्फ-केयर:
आइसोलेशन के जरूरी है कि हम अपनी सेहत, मानसिक स्थिति और व्यवहार पर पूरी नजर रखें। इसमें हाइजीन संबंधी आदतों से लेकर अपना मूड ठीक रखने तक सबकुछ शामिल है। हमें यह मालूम होना चाहिए कि हम कैसे अपना समय बिताएंगे। स्वस्थ्स बने रहने का यह सबसे जरूरी कदम है।
स्किल 04. टीम-केयर:
आइसोलेशन के दौरान टीम केयर से मतलब है अपने आस-पास मौजूद लोगों का खयाल रखना। सभी की मानसिक और शारीरिक गतिविधियों का ध्यान रखें। अगर किसी को चिंता, थकान, बीमार महसूस होना, संसाधनों की कमी और काम की अधिकता ज्यादा हो तो उसकी मदद करें।
स्किल 05. ग्रुप लिविंग:
इससे मतलब है कि एक टीम के रूप में घरवालों (एस्ट्रोनॉट्स) के बीच कितना समन्वय है। लोगों के विचारों को सुनिए और उन्हें भी शमिल करें। टीम का साझा प्रयास ही तय लक्ष्य पाने में मदद करेगा। यहां अपना काम पूरा करने से भी ज्यादा जरूरी है कि लोग सहयोग करें। एक-दूसरे की भूमिकाओं का भी सम्मान करें।

Coronavirus Update: क्या कोरोना का खतरा बड़ता है तंबाकू सेवन, जानिए विशेषज्ञयो की राय 


coronavirus Update: दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) का फैलता संक्रमण एक बड़ा संकट बन गया। इससे अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। और लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोविड-19 को रोकने के लिए भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन किया जा चुका है और लोगों को कोरोना से बचने के लिए सरकारें और संबंधित विभाग समय-समय पर एडवाइजरी जारी कर रहे हैं। कोरोना के इस संकट में लोगों के मन में कई सवाल भी आ रहे। उन सवालों में से एक सवाल ये भी है कि तंबाकू खाने के से कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा हो सकता है, या नहीं। भारत के संदर्भ में ये सवाल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व की 12 प्रतिशत तंबाकू की खपत भारत में होती है, यहां के 70 प्रतिशत युवा किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। इसलिए ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि तंबाकू सेवन करने वालों का कोरोना संक्रमण का कितना खतरा है। आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब:-
विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) के विशेषज्ञों के अनुसार धूम्रपान करने वालों में अन्य लोगों की तुलना में कोरोना संक्रमण होने का ज्यादा खतरा होता है। इसका सबसे अहम कारण है कि सिगरेट या बीढ़ी, तंबाकू, खैनी जो कि संक्रमित भी हो सकती है, उंगलियों और होठों के सीधे संपर्क में आती हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, हुक्का, सिगार या ई- सिगरेट का सेवन करने वालों के लिए भी ये खतरनाक साबित हो सकता है।
अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ड्रग ऐब्यूज की डायरेक्टर डॉ नोरा वॉलकोव का कहना है कि क्योंकि ये वायरस सीधा फेफडों पर हमला करता है, इसलिए धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए ये एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है। धूम्रपान करने से फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं, और उनमें इनफेक्शन से लड़ने की ताकत नहीं रहती। जिससे संक्रमण का खतरा बड़ जाता है।
हालांकि कोरोना के मरीजों का धूम्रपान से संबंध में कोई आंकडे अभी सामने नही आए हैं लेकिन माहामारी के इस समय में स्वास्थ विशेषज्ञ यही सलाह दे रहे हैं कि लोग धूम्रपान से बचें।

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